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Showing posts from August 24, 2018
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दमरुका योग? ज्योतिष शास्त्र में कुछ योग ऐसे हैं  जिनका समय रहते पता हो तो व्यक्ति  संभल सकता है।  तथा इन योगों से छुटकारा पा सकता है  आज मैं आपको  एक ऐसे योग के बारे में बताने जा रहा हूं जिसके बारे में  कई ज्योतिष भी नहीं जानते हैं इस खतरनाक योग को साधारण उपाय से हम समय रहते ठीक कर सकते हैं। जन्म पत्रिका के यह सबसे असहनीय योगों में से एक है। ज्योतिष में इस योग की चर्चा नहीं की जाती। यह एक ऐसा योग है, जिसके बारे में कुंडली परामर्श के दौरान जानने से व्यक्ति भयभीत हो जाता है। इसलिए  कई ज्योतिष इस योग की सार्वजनिक चर्चा नहीं करते पर मेरा ऐसा मानना है कि यदि खराब योग हैं तो उस पर चर्चा होना चाहिए और समय रहते इसका इलाज होना चाहिए। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस योग में जन्म पत्रिका का अष्टम भाव कारक होता है। पत्रिका के अष्टम भाव में यदि मंगल नीच का साथ ही शनि की युति हो तो दमरुका योग होता है। द्वितीय भाव मे भी अशुभ ग्रह हो तथा अष्टम में शनि, मंगल, राहु कोई ग्रह हो तो दमरुका योग होता है। इस योग में जातक की मृत्यु बड़ी दर्दनाक होती है। मुख्यत: वह आग में दम घुटने से या पानी में दम घुटने पर