नवरात्रि का छठा दिन मां कात्यायनी की पूजा से विवाह में होने वाली बाधा खत्म होती है- मनीष साईं नवरात्रि का छठा दिन बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि जिन व्यक्तियों का गुरु अस्त होता है या किसी पाप ग्रह के साथ कुंडली में युति बनाता है ऐसे में मां कात्यायनी की पूजा से ऐसे जातकों को बहुत लाभ होता है। विवाह में होने वाली बाधाएं मां कात्यायनी की पूजा से खत्म होती है। नवरात्रि में आज मां के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। मां कात्यायनी का जन्म कात्यायन ऋषि के घर हुआ था अतः इनको कात्यायनी कहा जाता है। इनकी चार भुजाओं में अस्त्र-शस्त्र और कमल का पुष्प है, इनका वाहन सिंह है। ये ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी हैं, गोपियों ने कृष्ण की प्राप्ति के लिए इनकी पूजा की थी। महिषासुर का वध करने वाली मां कात्यायनी ही हैं। देवी के इस रूप की सबसे अद्भुत बात ये कि इन्होंने अपने पिता के वंश नाम को आगे बढ़ाया। जबकि आमतौर पर ये अधिकार केवल पुत्रों को ही मिला करता है। कहते हैं मां कात्यायनी की कृपा से विवाह में आ रही बाधा भी बड़ी ही आसानी से दूर हो जाती हैं। विवाह सम्बन्धी मामलों के लिए इनकी पू