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Showing posts from October 1, 2018

रत्न पहनने से पहले रखें इन बातों का ध्यान -मनीष साईं

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रत्न पहनने से पहले रखें इन बातों का ध्यान -मनीष साईं ▪ रत्न की उम्र के बारे में जाने। ▪ रत्न कहां से खरीदना है। इसकी परख कैसे करना है यह भी जाने। विश्व प्रसिद्ध वास्तु ज्योतिष एवं तंत्र गुरु  श्री मनीष साईं जी के अनुसार ज्योतिष शास्त्र में  रत्नों का बहुत महत्व है। यदि किसी व्यक्ति का  कोई ग्रह कमजोर होता है,किसी ग्रह के कारण व्यक्ति का जीवन  तमाम परेशानियों से घिर जाता है तो ऐसे में रत्न चिकित्सा बहुत लाभकारी और उपयोगी साबित होती है।  ज्योतिष शास्त्र में रत्न पहनने के पूर्व कई निर्देश दिए गए हैं।रत्नों में मुख्यतः नौ ही रत्न ज्यादा पहने जाते हैं।सूर्य के लिए माणिक, चन्द्र के लिए मोती, मंगल के लिए मूंगा, बुध के लिए पन्ना, गुरु के लिए पुखराज, शुक्र के लिए हीरा, शनि के लिए नीलम, राहु के लिए गोमेद और केतु के लिए लहसुनियां। रत्नों के उपरत्न भी बहुत महत्व रखते हैं कोई व्यक्ति महंगे रत्न नहीं खरीद सकता तो वह उपरत्न खरीद सकता है।यह जरूर जानने योग्य बात है कि उपरत्न की पावर बहुत कम होती है वह बहुत कम असर कारक होते हैं। रत्नों का आपके जीवन पर कैसा असर होगा, यह इस बात पर निर्भर करता है क
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सिद्ध कुंजिका पाठ एवं मंत्र नवरात्रि में करें यह काम जीवन हो जाएगा आसान- मनीष साईं सनातन धर्म में देव पूजा को जितना सम्मान दिया जाता है उतना ही सम्मान  देवी पूजा को भी दिया जाता है। हिंदू धर्म को मानने वाले लोग  शक्ति के रूप में दुर्गा पूजा को बहुत महत्व देते हैं। हमारे शास्त्रों में कहा जाता है कि नवरात्र के नौ दिनों में विधि-विधान पूर्वक दुर्गा सप्तशती के पाठ से माता की असीम अनुकंपा प्राप्त होती है, ऐसी मान्यता है। जो लोग नियमित दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं उन्हें संपूर्ण पाठ करने में लगभग दो घंटे का समय लगता है। जो लोग सिर्फ नवरात्र में दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं उन्हें संपूर्ण पाठ करने में लगभग तीन से चार घंटे का समय लग सकता है। आज के इस आधुनिक युग में  सभी लोग पर काम का दबाव बना रहता है। ऐसे में दुर्गा सप्तशती का संपूर्ण पाठ कर पाना बहुत से लोगों के लिए कठिन हो सकता है। इस स्थिति में दुर्गा सप्तशती के संपूर्ण पाठ का फल प्राप्त करने के लिए एक आसान उपाय का वर्णन मैं आपको  प्रदान कर रहा हूं।अगर आप भी सिर्फ 10 मिनट में दुर्गा सप्तशती के तेरह अध्याय, कवच, कीलक, अर्गला,