दमरुका योग?
ज्योतिष शास्त्र में कुछ योग ऐसे हैं जिनका समय रहते पता हो तो व्यक्ति संभल सकता है। तथा इन योगों से छुटकारा पा सकता है आज मैं आपको एक ऐसे योग के बारे में बताने जा रहा हूं जिसके बारे में कई ज्योतिष भी नहीं जानते हैं इस खतरनाक योग को साधारण उपाय से हम समय रहते ठीक कर सकते हैं। जन्म पत्रिका के यह सबसे असहनीय योगों में से एक है। ज्योतिष में इस योग की चर्चा नहीं की जाती। यह एक ऐसा योग है, जिसके बारे में कुंडली परामर्श के दौरान जानने से व्यक्ति भयभीत हो जाता है। इसलिए कई ज्योतिष इस योग की सार्वजनिक चर्चा नहीं करते पर मेरा ऐसा मानना है कि यदि खराब योग हैं तो उस पर चर्चा होना चाहिए और समय रहते इसका इलाज होना चाहिए। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस योग में जन्म पत्रिका का अष्टम भाव कारक होता है। पत्रिका के अष्टम भाव में यदि मंगल नीच का साथ ही शनि की युति हो तो दमरुका योग होता है। द्वितीय भाव मे भी अशुभ ग्रह हो तथा अष्टम में शनि, मंगल, राहु कोई ग्रह हो तो दमरुका योग होता है। इस योग में जातक की मृत्यु बड़ी दर्दनाक होती है। मुख्यत: वह आग में दम घुटने से या पानी में दम घुटने पर या गला घुटने से मरता है। यदि अष्टम मंगल हो तथा उस पर सूर्य की दृष्टि पड़ रही हो तो सड़क दुर्घटना में मृत्यु का योग बनता है।नवांश कुंडली में भी यही स्थिति बनी हो तथा सूर्य की महादशा चल रही हो तो भी सड़क दुर्घटना का भय होता है। आइये विश्व प्रसिद्ध वास्तु, ज्योतिष एवं तंत्र गुरु श्री मनीष साईं जी के अनुसार साधारण उपायों के माध्यम से इस दोष से कैसे छुटकारा पाएं जानते हैं....
▪ प्रतिदिन भगवान शिव का स्वच्छ जल से अभिषेक करें।
▪ प्रतिदिन सूर्य देवता को ॐ घृणि सूर्याय नमः के मंत्रोच्चार के साथ आरती दें।
▪ सोमवार के दिन व्रत रख अपने हिस्से का भोजन किसी गरीब व्यक्ति को दान करें।
▪ अकाल मृत्यु बचाव ग्रिड के नीचे अपना पासपोर्ट साइज फोटो रखें।
▪प्रतिदिन महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
▪ऊँ नम: शिवाय का सतत जाप।
▪ वर्ष में एक बार सावन माह में भगवान महाकाल के उज्जैन में दर्शन करें।
▪ गरीब बेसहारा लोगों को दवाइयों का दान करें।
◾ यदि आप किसी भी बीमारी से ग्रस्त हैं?किसी भी समस्या से आपके जीवन में परेशानी आ रही है।चाहे सफलता हो या चाहे करियर हो या रिलेशन हो इसमें दिक्कतें आ रही है तो आप साईं अन्नपूर्णा सोशल फाउंडेशन के नंबरों पर संपर्क कर परम पूज्य गुरुदेव श्री मनीष साईं जी से परामर्श प्राप्त कर सकते हैं। आप अपने शहर में गुरुदेव का वास्तु, ज्योतिष एवं तंत्र पर कार्यक्रम भी करा सकते हैं।
🔶🔶संपर्क करें-
साईं अन्नपूर्णा सोशल फाउंडेशन 156, सहयोग विहार शाहपुरा थाने के पास भोपाल (मध्य प्रदेश)
संपर्क- 09617950498
Whatsapp number- 7000632297
Website- www.gurumanishsai.com
🚩🚩 सबका भला हो सब सुख पाए
ज्योतिष शास्त्र में कुछ योग ऐसे हैं जिनका समय रहते पता हो तो व्यक्ति संभल सकता है। तथा इन योगों से छुटकारा पा सकता है आज मैं आपको एक ऐसे योग के बारे में बताने जा रहा हूं जिसके बारे में कई ज्योतिष भी नहीं जानते हैं इस खतरनाक योग को साधारण उपाय से हम समय रहते ठीक कर सकते हैं। जन्म पत्रिका के यह सबसे असहनीय योगों में से एक है। ज्योतिष में इस योग की चर्चा नहीं की जाती। यह एक ऐसा योग है, जिसके बारे में कुंडली परामर्श के दौरान जानने से व्यक्ति भयभीत हो जाता है। इसलिए कई ज्योतिष इस योग की सार्वजनिक चर्चा नहीं करते पर मेरा ऐसा मानना है कि यदि खराब योग हैं तो उस पर चर्चा होना चाहिए और समय रहते इसका इलाज होना चाहिए। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस योग में जन्म पत्रिका का अष्टम भाव कारक होता है। पत्रिका के अष्टम भाव में यदि मंगल नीच का साथ ही शनि की युति हो तो दमरुका योग होता है। द्वितीय भाव मे भी अशुभ ग्रह हो तथा अष्टम में शनि, मंगल, राहु कोई ग्रह हो तो दमरुका योग होता है। इस योग में जातक की मृत्यु बड़ी दर्दनाक होती है। मुख्यत: वह आग में दम घुटने से या पानी में दम घुटने पर या गला घुटने से मरता है। यदि अष्टम मंगल हो तथा उस पर सूर्य की दृष्टि पड़ रही हो तो सड़क दुर्घटना में मृत्यु का योग बनता है।नवांश कुंडली में भी यही स्थिति बनी हो तथा सूर्य की महादशा चल रही हो तो भी सड़क दुर्घटना का भय होता है। आइये विश्व प्रसिद्ध वास्तु, ज्योतिष एवं तंत्र गुरु श्री मनीष साईं जी के अनुसार साधारण उपायों के माध्यम से इस दोष से कैसे छुटकारा पाएं जानते हैं....
▪ प्रतिदिन भगवान शिव का स्वच्छ जल से अभिषेक करें।
▪ प्रतिदिन सूर्य देवता को ॐ घृणि सूर्याय नमः के मंत्रोच्चार के साथ आरती दें।
▪ सोमवार के दिन व्रत रख अपने हिस्से का भोजन किसी गरीब व्यक्ति को दान करें।
▪ अकाल मृत्यु बचाव ग्रिड के नीचे अपना पासपोर्ट साइज फोटो रखें।
▪प्रतिदिन महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
▪ऊँ नम: शिवाय का सतत जाप।
▪ वर्ष में एक बार सावन माह में भगवान महाकाल के उज्जैन में दर्शन करें।
▪ गरीब बेसहारा लोगों को दवाइयों का दान करें।
◾ यदि आप किसी भी बीमारी से ग्रस्त हैं?किसी भी समस्या से आपके जीवन में परेशानी आ रही है।चाहे सफलता हो या चाहे करियर हो या रिलेशन हो इसमें दिक्कतें आ रही है तो आप साईं अन्नपूर्णा सोशल फाउंडेशन के नंबरों पर संपर्क कर परम पूज्य गुरुदेव श्री मनीष साईं जी से परामर्श प्राप्त कर सकते हैं। आप अपने शहर में गुरुदेव का वास्तु, ज्योतिष एवं तंत्र पर कार्यक्रम भी करा सकते हैं।
🔶🔶संपर्क करें-
साईं अन्नपूर्णा सोशल फाउंडेशन 156, सहयोग विहार शाहपुरा थाने के पास भोपाल (मध्य प्रदेश)
संपर्क- 09617950498
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