तांत्रिक क्रिया के शिकार तो नहीं जाने, यदि ब्लैक मैजिक, वशीकरण, बंधन तथा मारण का प्रयोग आप पर हुआ है तो यह उपाय करें :मनीष साईं🚩🚩

🚩🚩आप तांत्रिक क्रिया के शिकार तो नहीं जाने, यदि ब्लैक मैजिक, वशीकरण, बंधन तथा मारण का प्रयोग आप पर हुआ है तो यह उपाय करें :मनीष साईं🚩🚩

आज के वैज्ञानिक युग में तंत्र-मंत्र को अंधविश्वास भले ही माना जा रहा है, मगर यह भी सत्य है कि इन तंत्र-मंत्र के प्रयोगों से व्यक्ति का जीवन बर्बाद हो जाता है ।
तंत्र शास्त्र में छह अभिचार कर्म है, शांति कर्म, वशीकरण, स्तंभन, विद्वेषण, उच्चाटन और मारन यह 6 कर्म 10 महाविद्या की कार्यप्रणाली का हिस्सा है इनमें सबसे खतरनाक क्रिया षटकर्म है।शास्त्रों में शांति कर्म को छोड़कर अन्य सभी को वर्जित किया गया है ।तंत्र शास्त्र का निर्माण इसलिए हुआ था कि व्यक्ति अपनी साधना और सिद्धि की सुरक्षा के लिए उपयोग करेगा किंतु लोगों ने इसका प्रयोग लालच में आकर स्वार्थवश करना शुरु कर दिया। इन षटकर्म में एक कर्म है जादू टोना या इसे ऐसे समझे काला जादू जिसे ब्लैक मैजिक कहा जाता है यह व्यक्ति के जीवन को मृत्यु के समान बना देता है, दूसरा षटकर्म है वशीकरण अथार्थ किसी दूसरे व्यक्ति अथवा वस्तु को अपने वश में करना, तीसरा षटकर्म है व्यक्ति को जिंदा रहते मारना यानी मारन का प्रयोग,चौथा शर्ट कर्म है व्यक्ति पर बंधन करना ताकि वह जीवन में किसी कार्य में आगे ना बढ़ सके, पांचवा प्रयोग है उच्चाटन यह ऐसा प्रयोग है कि व्यक्ति का मन किसी भी स्त्री या पुरुष से अलग हो जाता है और वह व्यक्ति उसे अच्छा नहीं लगता है, छटा कर्म है विद्वेषण यह व्यक्ति के बीच में विवाद करवाता है ।
आज के व्यस्त जीवन में अधिकांश व्यक्ति तांत्रिक क्रियाओं से संबंध टोने- टोटके में ज्यादा रूचि लेने लगे हैं क्योंकि यह टोने टोटके पूर्ण विश्वसनीय शीघ्र प्रभावी होने के अलावा अत्यंत अल्प व्यय में संपन्न हो जाते हैं अभीष्ट सिद्धि के लिए मानव जीवन में प्रायः तीन विधिया प्रचलित है जो की तंत्र मंत्र और यंत्र की होती है। मंत्र क्रिया में नियम पालन मंत्र के उच्चारण व अन्य अनिवार्य सावधानियां बरतनी आवश्यक होती है ।यंत्र क्रिया में यंत्र निर्माण कर यंत्रों को मंत्रों द्वारा सिद्ध करने हेतु आवश्यक नियमों का पालन करना जरूरी होता है। तंत्र क्रिया में साधक के लिए इतनी श्रमसाध्य वह मुश्किल नहीं होती बल्कि कुछ तंत्र क्रियाएं तो स्वयं सिद्ध हो जाती है यानि उन्हें मंत्रों द्वारा जाग्रत करने की आवश्यकता ही नहीं होती है। लेकिन फिर भी यह तंत्र क्रियाएं इतनी शीघ्र एवं प्रभावित व चमत्कारी होती है कि नास्तिक से नास्तिक मनुष्य भी इनके चमत्कारों को नमस्कार करने में विवश हो जाता है। वह किसी को बर्बाद करने के लिए ऐसे गलत तांत्रिकों का सहारा ले लेता है जोकि व्यापार के रूप में इसे लेकर यह नहीं सोचते कि वह जो करेंगे जिससे किसी का जीवन बर्बाद हो जाएगा।
अध्यात्म से जुड़ने के बाद मैंने वास्तु ,ऊर्जा ,ध्यान के क्षेत्र में 20 वर्षों तक कार्य किया देश के प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में संपादक के रूप में अपनी सेवाएं दी मैं भी यह मानता था कि तंत्र- मंत्र जैसी चीज कुछ नहीं होती पर जब इनके प्रभाव हजारों लाखों लोगों पर देखे और उन्हें तड़प-तड़प कर जिंदगी जीते देखा तो मेरे एक बात समझ में आई इस संसार में असली क्राइम तो ऐसे लोग हैं जो किसी का जीवन बर्बाद करने में इन गलत कामों का उपयोग करते हैं और इस क्राइम की सजा उन्हें कोई और नहीं दे सकता सिर्फ ईश्वर देता है पर जिन पर तंत्र-मंत्र हो गया जिनका जीवन बर्बाद हो गया उनका क्या ?
यह बात मुझे बहुत वर्षों तक कचोटती रही इसके पश्चात मेरे द्वारा पैरा नॉर्मल साइंस पर यानी तंत्र विज्ञान पर रिसर्च किया गया और यह उद्देश्य अपने जीवन का बनाया कि यदि किसी पर इस तरह का कोई प्रयोग होता है तो मैं उसे खत्म करूंगा ताकि उसका जीवन सुरक्षित हो और यह एक पुण्य का कार्य है ईश्वर की कृपा से इस कार्य में सफलता मिली और जीवन का यह भी संकल्प लिया कि मैं किसी पर तंत्र मंत्र नहीं करूंगा लेकिन कोई व्यक्ति इस पीड़ा से पीड़ित है तो उसके साथ जरूर खड़ा रहूंगा और उसकी इस व्यथा को समझकर उसे इस बंधन से मुक्त करवाऊंगा
🚩🚩 तांत्रिक क्रिया के लक्षण🚩🚩
♦जिंदा रहते हुए तड़प तड़प कर बीमारियों से घिरे रहना।
♦आकस्मिक दुर्घटना का शिकार हो जाना।
♦घर में लगातार अशांति का होना।
♦ हर बात पर क्रोध करना तथा आवेश में आकर दूसरों को नुकसान पहुंचाना।
♦ व्यापार का चलते हुए बंद हो जाना।
♦ नौकरी में मन नहीं लगना।
♦किसी भी बुरे कार्य का भागीदार बनना।
♦ दिल और दिमाग पर एक व्यक्ति हावी रहना। हमेशा उसके बारे में सोचते रहना।
♦किसी पर विश्वास नहीं अंधविश्वास करना।
♦हर समय क्रोध में रहना। बात-बात पर भड़क जाना।
♦भय युक्त सपने आना, डर से उठ जाना।
♦ आचरण में परिवर्तन आना।
♦ अमावस्या अथवा पूर्णिमा के दिन अशांति, तड़प और अधीरता रहना।

🚩🚩यूं तोड़े इसकी काट🚩

♦ प्रतिदिन घर में साईं अग्नि यज्ञ करें।
♦ तंत्र-मंत्र परिवर्तन ग्रिड का इस्तेमाल करें। घर के चारों कोनों को प्रोटेक्ट करने के लिए सिद्ध करवाकर
      आत्मा क्रिस्टल से बनी हुई लगवाएं।
♦ तंत्र-मंत्र परिवर्तन पेंसिल सिद्ध करवाकर घर एवं कार्य स्थल के चारों कोने में लगाएं।
♦ अमावस्या के दिन किसी समझदार एवं ज्ञानी जानकार से पूजा-अर्चना करवाकर मुक्ति पाएं।
♦ मंगलवार के दिन सुंदरकांड का पाठ करें।
♦ प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करें।
♦ बेल की जड़ का टुकड़ा ताबीज में भरवाकर लाल रंग के धागे में दाहिनी भुजा में धारण करें।
♦सफेद धागे में खिरनी की जड़ बांधकर धारण करें।
♦ साफ-सुथरा पीला नींबू लेकर सिर से 21 बार वारकर चौराहे पर रख आएं, पीछे मुड़कर न देखें और न मार्ग में किसी से बात करें, सीधे घर आएं।
♦ आंकड़े का पौधा घर में रोपित करें अथवा उसकी जड़ को गले में बांध लें।
♦शुक्ल पक्ष के किसी भी बुधवार को 4 गोमती चक्र अपने सिर के ऊपर से वारकर चारों दिशाओं में फेंक दें। आंखे नीचे करके वापिस आ जाएं, दिशाओं की ओर ध्यान न दें।
♦ सूर्यास्त के वक्त घर में साईं अग्नि यज्ञ के पश्चात गुगल का धुआं दें।

🔷 यदि आप तंत्र मंत्र से परेशान हैं और उपरोक्त दिए गए लक्षण आपके जीवन में स्थाई रूप ले चुके हैं तो आप साईं अन्नपूर्णा धाम जो कि एक चैरिटेबल ट्रस्ट है और मानव सेवा को समर्पित है इस तरह के गलत कार्यों को खत्म करने पर कार्य कर रहा है संपर्क कर सकते हैं ।
🔷हमारा पता है
 साईं अन्नपूर्णा सोशल फाउंडेशन 156, सहयोग विहार बावडिया कला भोपाल मध्य प्रदेश
संपर्क - WhatsApp नंबर 7000632297
परामर्श हेतु बात करने का नंबर 9617950498
www.manishsai.org
(संपर्क करने का समय सोमवार से लेकर शुक्रवार तक दोपहर 2:00 बजे से 5:00 बजे तक)

🚩🚩सबका भला हो सब सुख पाए🚩🚩

Comments

  1. Me bhi musibat me Hu upar likhi saari bate mere sath me ho rahi hain

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  2. सिर से वारना मतलब सिर से पेर तक वारना या सिर्फ सिर पे गोल घुमाना ??

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    1. वारने से तात्पर्य सिर के चारों तरफ गोल गोल घुमाना, न कि सिर से पैर तक घुमाना।

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  3. मैं भी बहुत परेशान हु कृपया सहायता करें

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  4. Neembu 21 baar sar se waar kr utarne wala upay kis din karna hai..plzz bata de..

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  5. Sir... meri bhanji k baal apne aap kat kr niche gir rahe... jaise ki kisi ne kenchi se kaate ho...

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  6. मेरी पत्नी को भी बहुत शारीरिक कष्ट झेलने पड़ रहे हैं।

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  7. Koi upaay karaane me lagbhag kitne pause kharch honge

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  8. Meri pith me se shirt kat li gai uske baad koi bhi kam nahi ban raha hai

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  9. Man asant rhta hai aur sir me bharipn rhta h hmesa

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  10. Man nhi lagta kisi bhi kaam me back bhookh

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  13. Can i know your personal mobile number i i lost myself completely
    I think i am finished

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  14. Mai bhi bahut pareshan hu Zindagi bojh ban gayi hai please help me

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