बुध के प्रभाव और उपाय-मनीष साई

व्यापार नौकरी मैं हानि का कारण कहीं "बुध" तो नहीं? जाने 12 भावों में बुध के प्रभाव और उपाय-मनीष साई

आकाश में स्थित सभी ग्रहों में बुध सबसे छोटा व तेज गति से चलने वाला ग्रह है। चंद्रमा के बाद यही एक ग्रह है जिसकी चाल सबसे अधिक तेज है। यह सूर्य के बहुत अधिक नजदीक है।बुध ग्रह मिथुन तथा कन्या राशी का स्वामी हैं तथा इन दोनों राशियों पर ही इस ग्रह का शुभ एवं अशुभ प्रभाव पड़ता हैं।बुध मिथुन व कन्या राशी का स्वामी हैं इसलिए इन राशियों के व्यक्ति में कुछ विशेष गुण होते हैं।जिस व्यक्ति की कुंडली में बुध ग्रह की दशा शांत और प्रभावी होती हैं। वह वाक् कला अर्थात बोलने में या किसी भी प्रकार का भाषण देने में निपूर्ण होता हैं। बुध ग्रह विद्या व तेज बुद्धि का सूचक होता हैं। इसलिए बुध ग्रह के मिथुन और कन्या राशी के व्यक्ति का दिमाग अधिक तेज होता हैं तथा वो पढाई में भी अच्छे होते हैं।  बुध ग्रह व्यापर और स्वास्थ्य के लिए शुभ माना जाता हैं।इसलिए इस ग्रह की दोनों राशियों के व्यक्ति व्यापार करने में कुशल होते हैं तथा उनका स्वास्थ्य भी अधिकतर ठीक रहता हैं।

 कुंडली में बुध ग्रह की दशा के खराब होने पर व्यक्ति को दांतों से सम्बंधित परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं।बुध ग्रह की दशा खराब होने पर व्यक्ति के दांत कमजोर हो जाते हैं और उन्हें दांतों में दर्द होने की भी शिकायत हो जाती हैं। बुध ग्रह के अशुभ प्रभाव से प्रभावित व्यक्ति की सूंघने की शक्ति कमजोर हो जाती हैं। बुध ग्रह का बुरा प्रभाव पड़ने पर इन दोनों राशियों के व्यक्ति को अन्धरुनी रोग होने की संभावना रहती हैं।बुध ग्रह के अशांत होने पर मिथुन और कन्या राशी के व्यक्तियों की वाक् कला अर्थात बोलने की क्षमता कम हो जाती हैं।बुध ग्रह के कमजोर होने पर व्यक्ति को व्यापार, नौकरी या व्यवसाय में भी हानि हो सकती हैं। विश्व प्रसिद्ध वास्तु ज्योतिष एवं तंत्र गुरु श्री मनीष साईं जी के अनुसार जाने 12 भावों में बुध के प्रभाव-

🛑प्रथम भाव में बुध -

प्रथम भाव में बुध होने पर जातक दूसरों का प्रिय, ज्ञानवान, चिंतक, त्यागी, लेखक, गणितज्ञ, कवि, चिकित्सक, ज्ञान पिपासु तथा अपने धर्म पर मनन करने वाला होता है। वह जातक गंभीर व्यक्तित्व वाला, चरित्रवान, मधुरभाषी तथा संयमी होता है। उसमें किसी एक विषय में पारंगत होने तथा दूसरों को प्रभावित करने की योग्यता होती है।वह जातक आयु के 10 वर्ष से ही प्रभावपूर्ण दिखने लगता है. वह जातक वाक्पटु और दूसरों को सहज ही मोहने वाला होता है।

🔻उपाय:

1. हरे रंग और शालियों से यथासंभव दूर रहें।
2. अंडा, मांस और मदिरा का सेवन न करें।
3. घूम फिर कर करने वाले व्यापार से एक ही स्थान पर बैठ कर करने वाला व्यापार अच्छा और फायदेमंद रहेगा।

🛑दूसरे भाव में बुध -

कुंडली के दूसरे भाव का बुध जातक को सुवक्ता, धनी, सलाहकार व बिचौलिया बनाता है। वह अपने प्रयास से अत्यधिक धन कमाने वाला, यात्रा प्रेमी, पाप से दूर रहने वाला, पवित्र तथा ज्ञान पिपासु होता है। वह जातक आयु के 26वें वर्ष में धन की हानि तथा 36वें वर्ष में आकस्मिक धन लाभ कमा सकता है। वह जीवन में अच्छी वस्तुओं का शौकीन, परिवार का प्रिय तथा अपने कौषल विषेष रूप से वाणी द्वारा धन कमाने वाला होता है।

🔻उपाय-

1. अंडे, मांस और शराब से बचें।
2. शालियों से संबंध हानिकारक होंगे।
3. भेड़, बकरी, और तोता पालना सख्त वर्जित है।

🛑तीसरे भाव में बुध

जातक के कुंडली के तीसरे भाव का बुध जातक को साहसी, सुविधा में रूचि, समाज का सहायक, व्यवसाय से धन कमाने वाला तथा शीघ्र मैत्री करने वाला बनाता है।ऐसा जातक रिश्‍तेदारों से लाभ लेने वाला, ज्योतिष, अध्यात्म आदि रहस्यमय विषयों में गहरी रुचि रखने वाला, खुशियां चाहने वाला परन्तु स्वार्थी नहीं होता है।जातक संयमी, दयालु, सभ्य, निरंतर यात्रा करने वाला तथा अच्छी वस्तुओं का संग्रह करने वाला होता है। जातक को आयु के 12वें वर्ष में भाग्य लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।

🔻उपाय-

1. हर रोज फिटकिरी से अपने दांत साफ करें.
2. पक्षियों की सेवा करें और एक बकरी दान करें.
3. दक्षिण्मुखी घर में न रहें.
4. अस्थमा की दवाएं वितरित करें।

🛑चौथे भाव में बुध -

चौथे भाव का बुध जातक को पैदाइशी परिवर्तनशील बनाता है।ऐसा जातक चंचल, संपत्तिवान, बुद्धिमान, रिश्‍तेदारों से रहित, विपरीत लिंग वालों का प्रिय तथा बेशर्म बनाता है। अचल सम्पत्तियों से लाभ व आय प्राप्त करने वाला, अच्छे वाहन वाला, संगीत का प्रेमी, गायन में रुचि रखने वाला तथा अच्छी स्मरण शक्ति वाला बनाता है।आयु का 22वां वर्ष विषेष लाभकारी होता है।

🔻उपाय-

1. मानसिक शांति के लिए चांदी की चेन पहने और धन-संपत्ति पाने के लिए सोने की चेन पहनें।
2. माथे पर 43 दिनों के लिए नियमित रूप से केसर का तिलक लागाएं।
3. बंदरों को गुड खिलाएं और उनकी सेवा करें।

🛑पांचवें भाव में बुध -

पांचवें भाव का बुध जातक को जन्मजात संगीत का ज्ञाता बनाता है। जीवन साथी से प्रेम पाने वाला, बुद्धिमान, संतान युक्त बनाता है।बड़ों और ज्ञानी जनों का आदर करने वाला, भक्ति तथा रहस्यवाद में गहरी रुचि वाला होता है।वह धनवान होता है।राजा का प्रिय, सलाहकार तथा अपनी बुद्धिमत्ता से लोगों को चमत्कृत करने वाला होता है परंतु बुध के पीड़ित होने पर वह सभी अच्छे गुणों से रहित तथा बुरी आदतों की ओर उन्मुख हो जाता है तथा जुए आदि का आदी हो सकता है।सामान्यतया वाद-विवाद में कुशल तथा सृजनात्मक गतिविधियों वाला होता है।आयु के 26वें वर्ष में माता के स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है।

🔻उपाय-

1. धन प्राप्त करने के लिए सफेद धागे में तांबे का एक सिक्का पहनें।
2. पत्नी की प्रसन्न्ता और अच्छी किस्मत लिए गायों की सेवा करें।
3. गोमुखी घर (सामने संकीर्ण और अंत में व्यापक) अत्यधिक शुभ साबित होगा जबकि शेरमुखी घर (सामने व्यापक और अंत में संकरा) अत्यधिक विनाशकारी साबित होगा।

🛑छठे भाव में बुध-

छठे भाव का बुध जातक को आत्मसंयमी, अति बुद्धिमान तथा मातृभक्त बनाता है. वह संबंधियों से विरोध, आलसी, क्रूर प्रकृति का, चिन्ताग्रस्त तथा नौकरों अथवा सेवकों द्वारा कष्ट पाने वाला होता है। वह लेख अथवा प्रकाशन द्वारा आय करता है। औषधियों में रुचि, स्वास्थ्य के प्रति जागरूक तथा भोजन के विषय में अच्छा ज्ञान रखता है। आयु के तीसरे वर्ष में शारीरिक कष्ट तथा 36वें वर्ष में शत्रु भय होता है।

🔻उपाय-

1. कृषि भूमि में गंगा जल से भरा बोतल दफनाएं।
2. अपनी पत्नी के बाएं हाथ में चांदी की एक अंगूठी पहनाएं।
3. किसी भी महत्वपूर्ण काम की शुरुआत किसी कन्या या बेटियों की उपस्थिति में करें अथवा हाथ में फूल लेकर करना शुभ रहेगा।

🛑सातवें भाव में बुध -

सातवें भाव का बुध जातक को ज्ञानवान बनाता है. उसका भाग्य विवाह के बाद उदित होता है, ऐसा व्यक्ति पूरी तरह से हंसमुख होता है और बच्चों के साथ विषेष संबंध स्थापित करता है जहां बच्चे भी खुलकर अपने मन की बात उस व्यक्ति से कर सकते हैं।विपरीत सेक्स के प्रति एक स्वाभाविक सा आकर्षण होता है और विपरीत लिंग के व्यक्ति भी उसे पसंद करते हैं।ऐसा व्यक्ति बहुत अच्छा होता है, साधारणतया सत्यता का पालन करता है और व्यापार में उसकी बुद्धि प्रखर होती है जिसके फलस्वरुप वह अपने व्यक्तित्व और बुद्धि से लोगों को प्रभावित कर आसानी से धन कमा सकता है। ऐसा व्यक्ति अच्छा लेखक होता है. जातक को 17 और 19 वर्ष में भाग्यवर्धक वर्ष का लाभ देता है।

🔻उपाय-

1. साझेदारी के व्यापार से बचें।
2. सट्टेबाजी से बचें।
3. खराब चरित्र वाली साली से सम्बन्ध न रखें।

🛑आठवें भाव में बुध -

आठवें भाव का बुध, जातक को कोमल स्वभाव, अच्छा मेजबान, धनी, सरकार से अच्छा पद अथवा अधिकारिक स्थान प्रदान करता है। वह सहजता से धन कमाने वाला, सदा सकारात्मक सोच वाला, नेकचलन, शत्रुओं पर विजयी तथा विदेश में मान पाने वाला होता है। आयु के 14वें वर्ष में स्वास्थ्य कुछ नरम हो सकता है।

🔻उपाय-

1. किसी मिट्टी के बर्तन में शहद भरकर यह श्मशान या सुनसान क्षेत्र में दफनाएं।
2. किसी कंटेनर में दूध अथवा बारिश का पानी भरकर घर की छत पर रखें।
3. अपनी बेटी की नाक में बाली पहनाएं।

🛑नौवें भाव में बुध -

नौवें भाव का बुध जातक को ज्ञानवान, धनी, कुशल कलाकार, धार्मिक, समर्पित पत्नी तथा बुद्धिमान संतान प्रदान करता है।वह सात्विक आय करने वाला, साधु-संतों का मान करने वाला तथा निरंतर विदेश यात्राएं करने वाला होता है। वह दयावान, सभ्य, बहुत-से सेवको वाला तथा अपने कुल और परिवार का नाम ऊंचा करने वाला होता है।आयु के 19वें वर्ष में माता को कष्ट तथा 32वें वर्ष में भाग्य की हानि हो सकती है।

🔻उपाय-

1. हरे रंग के प्रयोग से बचें।
2. अपनी नाक छिदवायें।
3. किसी मिट्टी के बर्तन में मशरूम भरकर धार्मिक जगह दान करें।
4. किसी साधु या फकीर से कोई ताबीज न लें।

🛑दसवें भाव में बुध

दसवें भाव का बुध जातक को ज्ञानवान, शास्त्रों का ज्ञाता, प्रसिद्ध तथा सात्विक मार्ग से जीवन में उन्नति करने वाला बनाता है।जातक रिश्‍तेदारों से प्रेम रखने वाला तथा उनकी सहायता करने वाला, तीक्ष्ण बु़द्धि का स्वामी, निपुण, विनोदी, कुषल वक्ता तथा जीवन में विभिन्न उपक्रम करने में कुशल होता है।जातक दलाली से अच्छी आय वाला किंतु कमजोर बुध विपरीत परिणाम देता है। आयु के 16वें अथवा 29वें वर्ष में निष्चय ही धन लाभ प्राप्त करता है।

🔻उपाय-

1. शराब, मांस, अंडे और बहुत अधिक भोजन खाने से बचें।
2. चावल और दूध धार्मिक स्थानों में दान करें।

🛑ग्यारहवें भाव में बुध

ग्यारहवें भाव का बुध जातक को कलाओं में रुचि लेने वाला, ज्योतिष तथा मस्तिष्क विज्ञान में रुचि रखने वाला बनाता है।वह एक कुशल लेखक, शासन से लाभ पाने वाला, गुप्त विद्याओं में गहरी रुचि रखने वाला तथा संगीत कला का अच्छा ज्ञाता भी होता है।वह अति बुद्धिमान, अच्छा जीवन साथी तथा परिवार का सम्मान बढ़ाने वाला होता है। जीवन के 45वें वर्ष में वह विषेष लाभ अर्जित करता है।

🔻उपाय-

1. गर्दन में किसी सफेद धागे या चांदी की चेन में तांबे का गोल सिक्का पहनें।
2. अपने घर में विधवा बहन या बुआ को न रखें।
3. हरे रंग और पन्ना रत्न से बचें।
4.साधु या फकीर की दी हुई ताबीज न लें।

🛑बारहवें भाव का बुध

बारहवें भाव का बुध जातक को समाज में अपमान का भागी तथा अनुत्पादक कार्यों में लिप्त करता है।कमजोर बुध मानसिक कष्ट देता है तथा वह दूसरों के प्रभाव में सहज ही आ जाता है और दुख पाता है किंतु उच्च का बुध अध्यात्म, गुप्त विद्याओं में रुचि तथा अत्यधिक सम्मान प्रदान करता है। जीवन का 22वां तथा 44वां वर्ष दुर्भाग्यपूर्ण हो सकता है।

🔻 उपाय-
1. नदी में एक नया खाली घड़ा फेंकें।
2. स्टेनलेस स्टील की एक अंगूठी पहनें।
3. केसर का तिलक लगाएं और धार्मिक स्थानों पर जाएं।
4. किसी भी नए या महत्वपूर्ण काम को शुरू करने से पहले किसी अन्य व्यक्ति की सलाह लें।

❇ बुध की शांति के महत्वपूर्ण उपाय-

बुध की शांति के लिए ज्योतिष में कुछ उपाय बताए गये हैं। बुध की शांति के लिए सर्वप्रथम जेम्स थेरेपी में ओनेक्स का पावर ग्रिड बनवाकर उसके नीचे फोटो रखने से बहुत लाभ होता है। बुध की शांति के लिए स्वर्ण का दान करना चाहिए।हरा वस्त्र, हरी सब्जी, मूंग का दाल एवं हरे रंग के वस्तुओं का दान उत्तम कहा जाता है।हरे रंग की चूड़ी और वस्त्र का दान किन्नरो को देना भी इस ग्रह दशा में श्रेष्ठ होता है।बुध ग्रह से सम्बन्धित वस्तुओं का दान भी ग्रह की पीड़ा में कमी ला सकती है।इन वस्तुओं के दान के लिए ज्योतिषशास्त्र में बुधवार के दिन दोपहर का समय उपयुक्त माना गया है।बुध की दशा में सुधार हेतु बुधवार के दिन व्रत रखना चाहिए. गाय को हरी घास और हरी पत्तियां खिलानी चाहिए। ब्राह्मणों को दूध में पकाकर खीर भोजन करवाना चाहिए।

बुध की दशा में सुधार के लिए विष्णु सहस्रनाम का जाप भी कल्याणकारी कहा गया है। रविवार को छोड़कर अन्य दिन नियमित तुलसी में जल देने से बुध की दशा में सुधार होता है।अनाथों एवं गरीब छात्रों की सहायता करने से बुध ग्रह से पीड़ित व्यक्तियों को लाभ मिलता है।मौसी, बहन, चाची बेटी के प्रति अच्छा व्यवहार बुध ग्रह की दशा से पीड़ित व्यक्ति के लिए कल्याणकारी होता है।अपने घर में तुलसी का पौधा अवश्य लगाना चाहिए तथा निरन्तर उसकी देखभाल करनी चाहिए।बुधवार के दिन तुलसी पत्र का सेवन करना चाहिए।

बुधवार के दिन हरे रंग की चूड़ियां हिजड़े को दान करनी चाहिए।हरी सब्जियां एवं हरा चारा गाय को खिलाना चाहिए। बुधवार के दिन गणेशजी के मंदिर में मूंग के लड्डुओं का भोग लगाएं तथा बच्चों को बांटें। घर में खंडित एवं फटी हुई धार्मिक पुस्तकें एवं ग्रंथ नहीं रखने चाहिए। अपने घर में कंटीले पौधे, झाड़ियां एवं वृक्ष नहीं लगाने चाहिए। फलदार पौधे लगाने से बुध ग्रह की अनुकूलता बढ़ती है. तोता पालने से भी बुध ग्रह की अनुकूलता बढ़ती है। बुध के दुष्प्रभाव निवारण के लिए किए जा रहे टोटकों हेतु बुधवार का दिन, बुध के नक्षत्र (आश्लेषा, ज्येष्ठा, रेवती) तथा बुध की होरा में अधिक शुभ होते हैं।

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