चंद्र ग्रहण पर विशेष

▪▪चंद्र ग्रहण पर विशेष-

जानिए राशि अनुसार ग्रहण में क्या करें क्या नहीं एवं ग्रहण का समय- मनीष साईं


चंद्र ग्रहण कल 27 जुलाई 2018 को लग रहा है। इस दिन राशि अनुसार  क्या करें क्या नहीं ग्रहण में सूतक का समय क्या होगा ग्रहण कितने बजे से कितने बजे तक लगेगा इस बारे में श्री मनीष साईं  प्रसिद्ध वास्तु ज्योतिष एवं तंत्र विशेषज्ञ ने चंद्रग्रहण की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया, खास बात यह है कि यह ग्रहण संपूर्ण भारतवर्ष में दिखाई देगा तथा स्पर्श काल मध्यकाल एवं मोक्ष काल तक ग्रहण दिखाई देगा। खग्रास चंद्रग्रहण संपूर्ण यूरोप, अफ्रीका, एशिया तथा आस्ट्रेलिया महाद्वीप में दृश्य होगा।  न्यूजीलैंड के अधिकांश भाग में, जापान, रूस, चीन, अफ्रीका तथा यूरोप के अधिकांश भागों में दृश्य होगा।

◾सूतक का समय-

यह ग्रहण 3 घंटा 55 मिनट का है। ग्रहण का स्पर्श काल रात्रि 11: 54 मिनट पर, मध्य काल रात्रि 1:52 पर एवं मोक्ष काल रात्रि 3: 49 मिनट पर है. चंद्र ग्रहण का सूतक काल दिन में  2:54 पर लग जाएगा जो भी शुभ कार्य हो, वह सभी कार्य सूतक काल से पूर्व ही कर लेना श्रेयस्कर होता है क्योंकि आज के दिन ही गुरु पूर्णिमा भी है। अतः सभी लोग गुरु पूर्णिमा के निमित्त जो भी धार्मिक क्रियाएं करते हैं, वह सूतक काल के पहले अर्थात 2:54 मिनट के अंदर ही धार्मिक कार्य कर लें।

◾ चंद्रग्रहण के दौरान बरतें ये सावधानियां-

ग्रहण में भोजन एवं मल-मूत्र का त्याग करना निषेध माना गया है। बच्चे, वृद्ध  एवं  रोगी  ग्रहण से मुक्त होते हैं।गर्भवती स्त्रियां ग्रहण काल में ना कोई वस्तु काटे और ना ही सिलाई इत्यादि करें अन्यथा ग्रहण से गर्भ में पलने वाले बच्चे  (शिशु)  को नुकसान हो सकता है इसलिए  सावधानी अपेक्षित है।
ग्रहण से मेष, सिंह , वृश्चिक एवं मीन राशि के जातकों को फायदा मिलेगा। वृष राशि, मिथुन, कर्क, कन्या, तुला, धनु, मकर एवं कुंभ राशि के जातकों को ग्रहण से नुकसान है। साधकों को चाहिए कि ग्रहण काल में बिना देव मूर्ति स्पर्श किए हुए जप करें।ऐसा करने से मंत्रों की सिद्धि हो जाती है।
◾◾ग्रहण में राशि अनुसार क्या करें क्या नहीं जानिए-

कल का चंद्र ग्रहण  सदी का सबसे बड़ा ग्रहण है क्योंकि यह ग्रहण 4 घंटे तक चलेगा।इस ग्रहण की शुरुआत  ग्रहण के समय से 9 घंटे पहले ही  हो जाएगी क्योंकि हिंदू धर्म में मान्यता है कि  सूतक  9 घंटे पहले लगता है आज मैं आपको ग्रहण का प्रभाव 12 राशियों पर कैसा होगा और किस अचूक उपाय से वह ग्रहण के कुप्रभाव से बच सकते हैं इसका विस्तृत राशियों के अनुसार ब्यौरा देने जा रहा हूं।

▪मेष राशि

 मेष राशि ग्रहण घटित होने वाली राशि से चौथी राशि है । यहों अपने माता का ध्यान रखना चाहिए, किसी भी तरह के भूमि, भवन व वाहन का क्रय करते समय विशेष सावधानी रखें । सामान्य सुख में कमी महसूस करेंगे ।
▪उपाय
गुरु की अराधना करें आपके द्वारा लिया गया निर्णय सही होगा और आप कुप्रभाव से बच सकते है।

▪वृष राशि

वृष राशि ग्रहण घटित होने वाली राशि से पांचवी राशि है । संतान को परेशानी हो सकती है साथ ही उच्च शिक्षा के लिए उत्सुक युवाओं को भी बाधा आने की संभावना है । किसी विशेष कार्य का निरस्त हो जाना संभव है ।
▪उपाय
गणेश जी की पूजा अर्चना करने से आने वाले विघ्न बाधाओं से बचा जा सकता है ।

▪मिथुन राशि

मिथुन राशि ग्रहण घटित होने वाली राशि से छठी राशि है। शत्रुओं पर अंकुश लगेगा। कार्य क्षेत्र में तरक्की एवं विवादित मुकदमों में विजय के संकेत हैं।
▪उपाय
विष्णु की अराधना करनी चाहिए। सौभाग्य की प्राप्ति होगी ।

▪कर्क राशि

कर्क राशि ग्रहण घटित होने वाली राशि से सातवीं राशि है । पति/पत्नी के तालमेल में कमी । व्यवसायिक पार्टनर के साथ मनमुटाव एवं यात्रा से कष्ट संभव है ।
▪उपाय
शिव की अराधना करनी चाहिए। ज्ञान की प्राप्ति होगी।

▪सिंह राशि

सिंह राशि ग्रहण घटित होने वाली राशि से आठवीं राशि है। मन में व्यथा व्याप्त हो। पुराने रोगों से परेशानी बढ़े। आचानक चोट-चपेट आदि से परेशानी हो।
उपाय
हनुमान की अराधना करनी चाहिए। संकट दूर होंगे। बजरंग बाण का पाठ करें।

▪कन्या राशि

कन्या राशि ग्रहण घटित होने वाली राशि से नौवीं राशि है। मान-सम्मान का खतरा हो सकता है। मन धार्मिक कार्यों से विमुख होगा। पिता को परेशानी संभव है।

▪उपाय
माता की आराधना करनी चाहिए । सभी बाधाएं दूर होंगी। दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।

▪तुला राशि

तुला राशि ग्रहण घटित होने वाली राशि से दसवी राशि है। किसी विशेष कार्य के सफल होने से प्रसन्नता कार्य क्षेत्र में तरक्की। नए कार्य को प्रारंभ करने से लाभ मिलेगा ।

▪उपाय
गणेश जी की अराधना करनी चाहिए । सफलताएं मिलती रहेगी। गणपति अथर्वशीष का पाठ करें।

▪वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि ग्रहण घटित होने वाली राशि से ग्यारहवी राशि है । पद पदोन्नति, धन का लाभ, मित्रों का अनुग्रह, अनुभवी लोगों का साथ मिलेगा ।
▪उपाय
श्री कृष्ण का भजन करें। ॐ नमो भगवते वासुदेवाय का जाप करें।

▪धनु राशि

धनु राशि ग्रहण घटित होने वाली राशि से बारहवीं राशि है । स्वास्थ्य की चिंता करनी चाहिए । किसी भी तरह के शारीरिक परेशानी का सामना करना पड़े । खर्च की अधिकता से मन परेशान हो।

▪उपाय
शिव की भक्ति अनिवार्य रूप से करनी चाहिए।

▪मकर राशि

मकर राशि में ही ग्रहण घटित होने के कारण विशेष सावधानी की जरूरत है । शारीरिक कष्ट, चोट-चपेट, आर्थिक हानि, मन में व्यथा आदि से परेशानी संभव है ।
▪उपाय
महामृत्युंजय मंत्र का जप करने से लाभ होगा।

▪कुंभ राशि

कुंभ राशि ग्रहण घटित होने वाली राशि से दूसरी राशि है।  परिवार से मतभेद, धन की हानि आदि होने की संभावना है ।

▪उपाय
महालक्ष्मी के मंत्रों का जप आदि करना चाहिए ।

▪मीन राशि

मीन राशि ग्रहण घटित होने वाली राशि से तीसरी राशि है।  मित्रों का सहयोग, पराक्रम की वृद्धि, क्रीडा पसंद युवकों को आगे बढ़ने का मौका एवं विजय की प्राप्ति होगी।

▪उपाय-
गणेश जी के मंत्रों का जप आदि करना चाहिए ।

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