सुख-समृद्धि, आरोग्य प्राप्ति के लिए जानिए किस दिशा में बैठकर पूजा करें: मनीष साईं
सुख-समृद्धि, आरोग्य प्राप्ति के लिए जानिए किस दिशा में बैठकर पूजा करें: मनीष साईं
वैसे तो हमारे शास्त्रों में पूजा को भाव पर आधारित बताया गया है। व्यक्ति सच्चे मन से ईश्वर को कहीं भी किसी भी समय याद कर ले तो उसकी पूजा सफल होती है। लेकिन शास्त्रों एवं रेमेडियल वास्तु में पूजा करते समय मुख किस दिशा में होना चाहिए इसका भी उल्लेख किया गया है। यह भी बताया गया है कि मुख यदि सही दिशा में होता है तो उस से क्या लाभ होते हैं।
यह हम सभी जानते हैं कि प्रतिदिन सभी घरों में भगवान की पूजा-उपासना की जाती है। पूजा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। लेकिन हम यह नहीं जानते कि पूजा करते समय आपका मुख किस दिशा में होना चाहिए और भगवान की प्रतिमा का मुख किस दिशा में होना चाहिए इसके बारे में ध्यान रखा जाए तो विशेष फल की प्राप्ति होती है।
रेमेडियल वास्तु के अनुसार यदि आप अपने घर में पूजा कर रहे हैं तो पूर्व दिशा में मुख करके पूजा करें। इसमें देव प्रतिमा (यदि हो तो) का मुख और दृष्टि पश्चिम दिशा की ओर होती है। इस प्रकार की गई उपासना हमारे भीतर ज्ञान, क्षमता, सामर्थ्य और योग्यता प्रकट करती है, जिससे हम अपने लक्ष्य की तलाश करके उसे आसानी से हासिल कर लेते हैं। जीवन में हमें सुख प्राप्त होता है तथा ईश्वर का आशीर्वाद भी।
इसके अलावा उन्नति के लिए कुछ ग्रंथ उत्तर की तरफ होकर भी उपासना का परामर्श देते हैं। वहीं मंदिर में पूजा करते समय वास्तु के नियम बदल जाते हैं, यदि आप किसी मंदिर में जाते है तो आप देखेंगे की भगवान को पश्चिम व दक्षिण में स्थान दिया जाता है। वास्तु में मंदिर को भगवान का घर माना गया है इसीलिए मालिक को दक्षिण में ही रखा जाता है जिस से मंदिर में पूजा करते हुए आपका मुख पश्चिम या दक्षिण की तरफ आ जाता है, अतः वास्तुशास्त्र के अनुसार मंदिर में पूजा करने की यही उत्तम स्थिति होती है।
रेमेडियल वास्तु के अनुसार आप अपना मंदिर उत्तर पूर्व में बनाए और वह ऐसा बनाएं की भगवान का मुंह पश्चिम की ओर हो और आपका मुख पूर्व की और को ऐसा करने से आपकी पूजा सफल होगी तथा ईश्वर का आशीर्वाद आपको सदैव प्राप्त रहेगा।
⚫ यदि आपका घर वास्तु के हिसाब से नहीं बना है तो तमाम तरह की समस्याएं बनी रहेगी जैसे कि धन, स्वास्थ्य, व्यापार, करियर, आपसी मनमुटाव जैसी समस्याएं। विश्व प्रसिद्ध वास्तु, ज्योतिष एवं तंत्र गुरु मनीष साईं जी से आप अपने घर का वास्तु ठीक करवा सकते हैं। वास्तु विजिट भी करवा सकते हैं,तथा वास्तु परामर्श भी प्राप्त कर सकते हैं।
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🔶🔶 परामर्श प्राप्त करने के लिए संपर्क करें-
साईं अन्नपूर्णा सोशल फाउंडेशन 156, सहयोग विहार शाहपुरा थाने के पास भोपाल (मध्य प्रदेश)
संपर्क- 09617950498
Whatsapp number- 7000632297
Website- www.gurumanishsai.com
🚩🚩 सबका भला हो सब सुख पाए🚩🚩
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वैसे तो हमारे शास्त्रों में पूजा को भाव पर आधारित बताया गया है। व्यक्ति सच्चे मन से ईश्वर को कहीं भी किसी भी समय याद कर ले तो उसकी पूजा सफल होती है। लेकिन शास्त्रों एवं रेमेडियल वास्तु में पूजा करते समय मुख किस दिशा में होना चाहिए इसका भी उल्लेख किया गया है। यह भी बताया गया है कि मुख यदि सही दिशा में होता है तो उस से क्या लाभ होते हैं।
यह हम सभी जानते हैं कि प्रतिदिन सभी घरों में भगवान की पूजा-उपासना की जाती है। पूजा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। लेकिन हम यह नहीं जानते कि पूजा करते समय आपका मुख किस दिशा में होना चाहिए और भगवान की प्रतिमा का मुख किस दिशा में होना चाहिए इसके बारे में ध्यान रखा जाए तो विशेष फल की प्राप्ति होती है।
रेमेडियल वास्तु के अनुसार यदि आप अपने घर में पूजा कर रहे हैं तो पूर्व दिशा में मुख करके पूजा करें। इसमें देव प्रतिमा (यदि हो तो) का मुख और दृष्टि पश्चिम दिशा की ओर होती है। इस प्रकार की गई उपासना हमारे भीतर ज्ञान, क्षमता, सामर्थ्य और योग्यता प्रकट करती है, जिससे हम अपने लक्ष्य की तलाश करके उसे आसानी से हासिल कर लेते हैं। जीवन में हमें सुख प्राप्त होता है तथा ईश्वर का आशीर्वाद भी।
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रेमेडियल वास्तु के अनुसार आप अपना मंदिर उत्तर पूर्व में बनाए और वह ऐसा बनाएं की भगवान का मुंह पश्चिम की ओर हो और आपका मुख पूर्व की और को ऐसा करने से आपकी पूजा सफल होगी तथा ईश्वर का आशीर्वाद आपको सदैव प्राप्त रहेगा।
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