पिता व पुत्र में विवाद है तो इन उपायों से बनेगा बेहतर रिश्ता- मनीष साईं

पिता व पुत्र में विवाद है तो इन उपायों से बनेगा बेहतर रिश्ता- मनीष साईं

घर में यदि कलह हो तो जीवन  नर्क के समान हो जाता है। घर का मुखिया पिता होता है परिवार में पिता की एक अहम भूमिका होती है। पारिवारिक जीवन में संतुष्टि के लिए पिता और संतान के बीच अच्छे संबंध बेहद जरूरी हैं।  पुरानी कहावत है, अगर आप अपने पारिवारिक जीवन से संतुष्ट हैं, आपका परिवार आपसे स्नेह रखता है तो आप दुनिया की बड़ी से बड़ी समस्या, परेशानी से निपट सकते हैं। लेकिन पिता और संतान का न बनना भी कुंडली में दोष एवं वास्तु दोष को जन्म देता है।

◼किन वास्तु दोषों के कारण पिता और पुत्र में कलह होती है जाने, साथ ही उपाय भी-


जिस घर में पिता-पुत्र की ना बनती हो तो जाहिर तौर पर यह बात उन दोनों को ही खलती है। कई बार कभी विचारों में भिन्नता तो कभी जनरेशन गैप की वजह से वो एक दूसरे के साथ सही तालमेल नहीं बैठा पाते।वजह चाहे कोई भी हो, रेमेडियल वास्तुशास्त्र के अंतर्गत यह माना जाता है कि पिता-पुत्र के बीच तनाव की वजह है घर के उत्तर-पूर्वी कोने का दूषित होना। अगर आपके घर का यह कोना दूषित है, यहां गंदगी रहती है तो यह पिता-पुत्र के रिश्तों को खराब करता ही है। इसलिए सबसे पहले तो यह ध्यान दें कि आपके घर के इस कोने में कूड़ेदान ना रखा हो। किसी भी प्रकार का यूजलेस सामान ना रखा हो।

वास्तुशास्त्र के अनुसार अगर आपके घर के उत्तर-पूर्वी दिशा में स्टोर रूप या कोई भंडार गृह है तो यह भी वास्तु के लिहाज से सही नहीं माना जाता है। ऐसा होने पर पिता और संतान के बीच अविश्वास की भावना आ जाती है। वहीं, स्टोर रूम के अलावा घर के इस कोने में कभी शौचालय भी नहीं बनवाना चाहिए।  दरअसल ऐसा करने से परिवार के सदस्यों की सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

घर में बिजली के उपकरण जैसे- प्रेस, फ्रिज, माइक्रोवेव आदि हैं तो उसे भी उत्तर-पूवी दिशा में ना रखे। ऐसा होने से पिता-पुत्र के रिश्तों में खटास आ जाती है, दोनों एक दूसरे की महत्ता और उनकी बातों को तवज्जो नहीं देते।

🔳 वास्तु शास्त्र के अनुसार पिता पुत्र के रिश्तो को मधुर बनाने के उपाय-

▪ उत्तर पूर्व में यदि टॉयलेट बना है तो उसमें खड़ा नमक भरकर रखें तथा फिटकरी के टुकड़े भी रखें। एमेथिस्ट पेंसिल मलिन यंत्र लाइट के नीचे बांधे।

▪ घर में नमक के पानी का पोछा लगाएं।

▪ उत्तर पूर्व में स्टोर बना हुआ हो तो किसी और स्थान पर उसे शिफ्ट कर दे। यदि शिफ्ट नहीं कर पाए तो उससे यूजलेस सामान हटाए तथा उसकी प्रॉपर सफाई करें प्रत्येक सप्ताह।

▪ उत्तर पूर्व में ब्लू कलर की लाइट हमेशा जलाकर रखें।

▪ उत्तर पूर्व में पिता और पुत्र का मुस्कुराता हुआ फोटो एक साथ लगाएं।

▪ उत्तर पूर्व में यदि आप का मंदिर हो तो उसमें शिव परिवार रखें यदि नहीं हो तो पूरे परिवार का फोटो भगवान शिव जी का दीवार पर लगाए।

🔳 ज्योतिष के अनुसार पिता और पुत्र में क्यों होती है अनबन? जानिए बचने के उपाय क्या है-

अगर कुंडली में सूर्य और शनि आमने-सामने यानि समसप्‍तक हों तो पिता और पुत्र के मध्‍य वैचारिक मतभेद रहते हैं।
कई बार देखने में आता है कि एक ही घर में रहने वाले पिता-पुत्र में आपस में बिल्कुल नहीं बनती। विश्व प्रसिद्ध वास्तु ज्योतिष एवं तंत्र गुरु मनीष साईं के अनुसार, इसका कारण शनि और सूर्य हो सकते हैं। ग्रंथों के अनुसार, शनि वैसे तो सूर्य के पुत्र हैं, लेकिन ये शत्रु ग्रह हैं। जिनकी कुंडली में ये योग होता है, उनका अपने पिता या पुत्र से वाद-विवाद होता रहता है आइए जानते हैं कुंडली के अनुसार विवाद का कारण क्या है-

▪अगर कुंडली में सूर्य और शनि आमने-सामने यानि समसप्‍तक हों तो पिता और पुत्र के मध्‍य वैचारिक मतभेद रहते हैं।

▪ जन्‍मकुंडली के चौथे भाव में सूर्य और दशम भाव में शनि हो तो व्यक्ति को अपने पिता या पुत्र से दूर रहना पड़ता है। ऐसी स्थिति में पिता-पुत्र एकसाथ नहीं रह सकते हैं। किसी भी कारणवश पुत्र की दूरी पिता से बनी रहती है।

▪ कुंडली के पांचवे  और एकादश भाव से बनने वाले समसप्‍तक योग से व्यक्ति को शिक्षा में बाधाओं का सामना करना पड़ता है। संतान से वैचारिक मतभेद रहते हैं।

▪लग्‍न भाव में सूर्य हो और शनि सप्‍तम भाव में बैठा हो तो परिवार में रहने वाले सदस्‍यों के बीच वैचारिक मतभेद रहते हैं।



विश्व प्रसिद्ध  वास्तु ज्योतिष गुरु  मनीष साईं के अनुसार यह उपाय करें-

जिन लोगों की कुंडली में ये योग हों, वे यदि आगे बताए गए उपाय करें तो पिता-पुत्र के बीच संबंध सामान्य हो सकते हैं।

▪रोज़ सुबह स्‍नान आदि करने के बाद सूर्य को तांबे के लोटे से अनार के दाने या गुलाब की पंखुड़ियां डालकर जल चढ़ाएं।

▪ बुजुर्गों की सेवा करें।

▪शनिवार को तेल का दान करें और शनिदेव की पूजा करें।

▪प्रत्येक शनिवार को पीपल की 7 परिक्रमा करें और जल चढ़ाएं।

▪हनुमानजी की पूजा से सूर्य और शनिदेव दोनों प्रसन्‍न होते हैं।


▪सूर्य के मंत्र – ऊं सूर्याय नम: एवं शनि के मंत्र – ऊं शं शनैश्‍चराय नम: मंत्र का जाप करें।

▪ चांदी का एक टुकड़ा पिता या पुत्र में से कोई भी एक अपने पास रखें।

⚫ यदि आपका घर वास्तु के हिसाब से नहीं बना है तो तमाम तरह की समस्याएं बनी  धन, स्वास्थ्य, व्यापार, करियर, आपसी मनमुटाव जैसी समस्याएं एक के बाद एक लगातार सामने आएगी। विश्व प्रसिद्ध वास्तु ज्योतिष एवं तंत्र गुरु मनीष साईं जी से आप अपने घर का वास्तु ठीक करवा सकते हैं। वास्तु विजिट भी करवा सकते हैं,तथा वास्तु एवं ज्योतिष तथा तंत्र संबंधी परामर्श भी प्राप्त कर सकते हैं।

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