उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में सूर्य के शुभ अशुभ प्रभाव -मनीष साईं

उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में सूर्य के शुभ अशुभ प्रभाव -मनीष साईं

ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों का नक्षत्रों में प्रवेश भी  शुभ अशुभ प्रभाव देता है गत शुक्रवार को यानि शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 11 जनवरी 2019 के दिन दोपहर 01 बजकर 21 मिनट पर सूर्य ग्रह का उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में प्रवेश हो गया है। ज्योतिष के अनुसार 24 जनवरी यानि माघ कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि गुरूवार के दिन दोपहर 03 बजकर 42 मिनट तक सूर्य यहीं निवास करेंगे। आप में से बहुत से ऐसे लोग होंगे जो सोच रहे होंगे कि भला ये सब जानकर हम क्या करेंगे। दरअसल, उनको इस बात के बारे में जानकारी नहीं होती कि ये नौ के नौ ग्रह हमारे जीवन पर बहुत गहरा प्रभाव डालते हैं। जी हां, जब भी कोई ग्रह परिवर्तन होता है तो उसका असर हम पर ज़रूर होता है। तो ऐसे सूर्य के उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में गोचर से विभिन्न नक्षत्र और नामाक्षर वाले लोगों पर कैसा असर पड़ता है ये जानना सब के लिए बहुत ज़रूरी होत है। तो अगर आप भी ये सब जानना चाहते हैं कि सूर्य के घर बदलने से आप पर कैसा प्रभाव पड़ा रहा है, या आप पर इसका बुरा प्रभाव है तो आपको क्या करना चाहिए तो घबराईए मत  आपके लिए इससे जुड़ी सारी जानकारी यहां दी जा रही है नक्षत्र और उनसे संबंधित उपाय भी प्रस्तुत है।

▪उत्तराषाढ़ा, श्रवण और धनिष्ठा नक्षत्र-

ज्योतिष के अनुसार जिन लोगों का जन्म उत्तराषाढ़ा, श्रवण या धनिष्ठा नक्षत्र में हुआ हो और नाम 'भ', 'ज', 'ग' या 'ख' अक्षर से शुरू होता हो, तो जान लें कि अगले चौदह दिनों के दौरान आपको इलेक्ट्रिक चीज़ों के साथ बड़ी ही सतर्कता पूर्वक काम करना होगा। इसके साथ ही आपको रसोई में गैस पर काम करते समय या पानी गर्म करते समय भी थोड़ा ध्यान रखना होगा।जो लोग नया घर बनाने की सोच रहे हैं, तो बता दें कि अभी के लिए इस काम को टाल दें और 24 जनवरी के बाद ही इस काम को शुरू करें। साथ ही सूर्यदेव की अशुभ स्थिति से बचने के लिए और शुभ स्थिति सुनिश्चित करने के लिए सुबह के समय घर का बरामदा या बालकनी खुली रखें, ताकि सूर्य की रोशनी आपके पूरे घर में फैल सके। माना जाता है कि ऐसा करने से सूर्य के अशुभ प्रभावों का सामना नहीं करना पड़ता।

▪शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती नक्षत्र-

जिन लोगों को अगर जन्म शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद या रेवती नक्षत्र में हुआ है और  नाम 'स', 'द', 'च', 'थ' या 'ग' अक्षर से शुरू होता है, तो बता दें कि आपके कामों की गति कुछ समय के लिये रूक सकती है। 24 जनवरी तक आपको काम करने में ज्यादा आनन्द नहीं आयेगा। आपके सोचे हुए काम अच्छे से पूरे नहीं हो पायेंगे। अतः 24 जनवरी तक सूर्यदेव की अशुभ स्थिति से बचने के लिये और जीवन में शुभ फलों की प्राप्ति के लिये  रात के समय अपने सिरहाने पर पांच मूली रखकर सोएं और अगले दिन उन्हें किसी मन्दिर या धर्मस्थल पर दान कर दें। इससे आपके काम की गति तेज होने लगेगी।

▪अश्विनी, भरणी, कृतिका और रोहिणी नक्षत्र -

जिनका जन्म अश्विनी, भरणी, कृतिका या रोहिणी नक्षत्र में हुआ है और अगर आपके नाम का पहला अक्षर 'ल', 'च', 'अ', 'ई', 'उ', 'ए' या 'व' है। बता दें कि सूर्य के इस गोचर के दौरान आपकी चीज़ों में स्थिरता बनी रहेगी और आपके द्वारा किया गया हर काम सफल होगा। इसी स्टेबिलिटी बरकरार रखने के लिए लिए जितना हो सके घर में पीतल के बर्तनों को उपयोग करें।

▪मृगशिरा, आर्द्रा और पुनर्वसु नक्षत्र-

जिन लोगों को जन्म मृगशिरा, आर्द्रा या पुनर्वसु नक्षत्र में होता है और आपका नाम 'क', 'व', 'घ', 'छ' या 'ह' अक्षर से शुरू होता है। तो आपको जानकर खुशी होगी कि 14 चौदह दिन तक आपकी चांदी ही चांदी होने वाली है। मतलब हर तरफ से आपो लाभ ही लाभ प्राप्त होने वाला है। अगर आप चाहते हैं कि 24 जनवरी तक आप  पर ऐसे ही कृपा बरसती रहे तो कोशिश करें कि किसी भी खास काम को करने से पहले पानी ज़रूर पीएं और अगर हो सके तो कुछ मीठा भी ज़रूर खाएं।

▪पुष्य, आश्लेषा, मघा और पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र-

पुष्य, आश्लेषा, मघा या पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में जन्म लोग, और जिनका नाम 'ह', 'ड', 'म' या 'ट' अक्षर से शुरू होता हो,  उनके लिए भी 24 जनवरी तक समय काफ़ी अच्छा साबित हो सकता है। इस दौरान इन्हें कई तरह के लाभ प्राप्त हो सकते हैं।  अपनी इस स्थिति को बरकरार रखने के लिए 24 जनवरी तक काली गाय या बिना सिंग वाली गाय को आटे का पेड़ा खिलाएं और जितनी हो सके उनकी सेवा करें।

▪उत्तराफाल्गुनी, हस्त या चित्रा नक्षत्र-

जिन लोगों का जन्म उत्तराफाल्गुनी, हस्त या चित्रा नक्षत्र में हुआ हो, और आपका नाम 'प', 'ट' या 'र' अक्षर से शुरू होता है और खासकर अगर आप घर के हैड हैं, तो सावधान हो जाइए। क्योंकि अगले 14 दिन तक आपके साथ कुछ बड़ी अनहोनी हो सकती है। तो अगर आप इससे बचना चाहते हैं तो जितना हो सके रोज़ाना किसी न किसी गरीब को कुछ न कुछ दान अवश्य करें।

▪स्वाती, विशाखा, अनुराधा और ज्येष्ठा नक्षत्र-

स्वाती, विशाखा, अनुराधा या ज्येष्ठा नक्षत्र में जन्मे लोगों और जिनका नाम 'य', 'र', 'त' या 'न' अक्षर से शुरू होता है, उनको आने वाले दिनों में पैसों संबंधी कोई बड़ी परेशानी हो सकती है। इसले पैसों से जुड़ी किसी भी तरह के लेन-देन में पूरी सावधानी रखें और किसी बड़ी परेशानी में फंसने से बचने के लिए रोज़ाना सूर्यदेव को तांबे के लौटे में जल ज़रूर अर्पित करें।

▪मूल और पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र-

ज्योतिष के मुताबिक जिन लोगों का जन्म मूल या पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में हुआ है और नाम का पहला अक्षर 'य', 'भ' या 'ध' से है, तो जान लें कि इनकी हैल्थ पर खतरा मंडरा रहा है। इन्हें किसी बीमारी से जूझना पड़ सकता है। तो अगर आप अपनी हैल्थ को ठीक-ठाक रखना चाहते हैं तो किसी भी मंदिर में जाकर पूरे 21 दिन तक  नारियल का तेल दान करें। नारियल की बर्फी खरीद कर भिखारियों को दान दे।

#अश्विनी #भरणी #कृत्तिका #रोहिणी, #मॄगशिरा #आद्रा #पुनर्वसु #पुष्य #अश्लेशा #मघा #पूर्वाफाल्गुनी #उत्तराफाल्गुनी #हस्त #चित्रा #स्वाति #विशाखा #अनुराधा #ज्येष्ठा #मूल #पूर्वाषाढा #उत्तराषाढा #श्रवण #धनिष्ठा, #शतभिषा #पूर्वाभाद्रपद #उत्तराभाद्रपद #रेवती #सूर्यकाउत्तराषाढ़ानक्षत्रमेंप्रवेश
#vastugurumanishsai #मनीषसाई


Comments

Popular posts from this blog

तांत्रिक क्रिया के शिकार तो नहीं जाने, यदि ब्लैक मैजिक, वशीकरण, बंधन तथा मारण का प्रयोग आप पर हुआ है तो यह उपाय करें :मनीष साईं🚩🚩

कड़ा पहनने से मिलती है मन की शांति, मां लक्ष्मी होती है प्रसन्न -मनीष साईं

दुकान या शोरूम मेहनत के बावजूद नहीं चल रहे हैं, बिक्री घट गई है, कर्ज बढ़ गया है तो यह महत्वपूर्ण उपाय करें -मनीष साईं