मंगली दोष- शादी से करे पहले यह उपाय, वरना खराब हो जाएगा वैवाहिक जीवन- मनीष साईं

मंगली दोष-
शादी से करे पहले यह उपाय, वरना खराब हो जाएगा वैवाहिक जीवन- मनीष साईं


जैसे ही कोई व्यक्ति किसी  ज्योतिष या पंडित को कुंडली दिखाता है और उसे यह सुनने को मिलता है कि वह मंगली है,तो उसके मन में सिर्फ एक बात सामने आती है कि उसकी रिलेशन लाइफ मैं निश्चित तौर पर दिक्कतें आएगी। ऐसा होता भी है।  मंगल मेष और वृश्चिक राशि का स्वामी माना गया है। ग्रहों में इसे सेनापति का दर्जा प्राप्त है। यह ग्रह दशम स्थान का कारक है। इसके शुभ होने पर उच्च राजयोग बनता है। जातक में नेतृत्व क्षमता आती है। पराक्रम-साहस आता है।

लेकिन मंगली दोष शादी शुदा ज़िंदगी के लिए कष्टकारी माना जाता है। अगर मंगली पुरुष या स्त्री का विवाह मंगली ही पुरुष या स्त्री से न हो तो यह वैवाहिक जीवन को कलह पूर्ण बना देते है। कई लोगो ने भ्रांतिया फैला रखी है कि मंगली का विवाह मंगली से न हो तो दोनों में से किसी एक की मृत्यु हो जाती है जो बात सर्वथा गलत है। मृत्यु होने के लिए अकेला मंगल ही जिम्मेदार नही होता उसके साथ कुंडली में और भी कई स्थितियां होती है जैसे लग्नेश का कमजोर होना, मृत्यु स्थान और लग्न का राशि परिवर्त्तन इत्यादि। हाँ यह बात मानी जा सकती है की मंगली का विवाह अगर मंगली से न हो तो जीवन में कई बार मृत्यु तुल्य कष्ट भोगना पड़ जाता है।  विश्व प्रसिद्ध वास्तु ज्योतिष एवं तंत्र गुरु मनीष साई जी के अनुसार आईए जानते हैं मंगली दोष कैसे बनता है।

मंगल को लग्न, द्वितीय भाव में  चतुर्थ, सप्तम, अष्टम और द्वादश भाव में दोष पूर्ण माना जाता है। इन भावो में उपस्थित मंगल मंगली दोष का निर्माण करता है। इन भावो में मंगल को वैवाहिक जीवन के लिए अनिष्टकारक कहा गया है। जन्म कुण्डली में इन पांचों भावों में मंगल के साथ जितने क्रूर ग्रह बैठे हों मंगल उतना ही दोषपूर्ण होता है जैसे दो क्रूर गृह साथ होने पर दोष दुगुना हो जाता है।

द्वितीय भाव में विराजित मंगल को अनेक शास्त्रों में मंगली दोष बताया गया है पर अधिकांश ज्योतिषी द्वितीय भाव में मंगली दोष नही मानते क्योंकि हिन्दू ज्योतिष केवल एक ग्रंथ को आधार मान कर निर्णय नही लेता, इसके लिए अनेको ग्रंथो को पड़ा और समझा जाता है।यदि आपकी कुंडली में मंगली दोष है तो उससे निपटने के लिए क्या उपाय करने हैं यह गुरुदेव मनीष साईं जी के अनुसार इस प्रकार है।

▪मंगली दोष से बचने के विवाह पूर्व सामान्य उपाय-

1.मंगली दोष पहला उपाय तो यही है की मंगली व्यक्ति का मंगली से ही विवाह संस्कार करवाया जाये। अगर प्रेम विवाह हो रहा हो या मंगली जीवनसाथी खोजने में परेशानी आ रही हो तो इस के लिए शास्त्रो में कई प्रकार के उपाय बतलाये गए है जैसे कुम्भ विवाह या गट विवाह।

2. लाल कपड़े में सौंफ बांधकर अपने शयनकक्ष में रखें।

3. मंगल प्रभावित व्यक्ति अपने घर में लाल पत्थर अवश्य लगवाएं।

4. प्रियजनों को मिष्ठान्न का सेवन कराने से भी मंगल शुभ बनता है।

5. लाल वस्त्र में दो मुठ्ठी मसूर की दाल बांधकर मंगलवार के दिन किसी भिखारी को दान करें।

6. मंगलवार के दिन हनुमानजी के चरण से सिन्दूर लिकर उसका टीका माथे पर लगाना चाहिए।

7. बंदरों को गुड़ और चने खिलाएं।

8. अपने घर में लाल पुष्प वाले पौधे या वृक्ष लगाकर उनकी देखभाल करनी चाहिए।

▪यदि लड़की मांगलिक है  तो विवाह से पहले किए जाने वाले उपाय -

लड़कियों के लिए कुंभ विवाह, विष्णु विवाह और अश्वत्थ विवाह मंगल दोष के सबसे अधिक प्रचलित उपाय हैं।

पीपल यह बरगद के पेड़ से विवाह-

गीता में लिखा 'वृक्षानाम् साक्षात अश्वत्थोहम्ं' अर्थात वृक्षों में मैं पीपल का पेड़ हूं। अश्वत्थ विवाह अर्थात पीपल या बरगद के वृक्ष से विवाह कराकर, विवाह के पश्चात उस वृक्ष को कटवा देना।
चूंकि यह प्रतीकात्मक विवाह होता है तो इसके लिए पीपल का छोटा पौधा भी उपयोग में लाया जा सकता है। परंतु ध्यान रहे कि कई बार अश्वत्थ विवाह केले, तुलसी, बेर आदि के पेड़ से भी करवाएं जाते हैं, जो शास्त्रसम्मत नहीं हैं।

विष्णु प्रतिमा विवाह-

 ये भगवान विष्णु की स्वर्ण प्रतिमा होती है, जिसका अग्नि उत्तारण कर प्रतिष्ठा पश्चात वैवाहिक प्रक्रिया संकल्पसहित पूरी करना शास्त्रोक्त है।

कुंभ विवाह : इसी तरह किसी कन्या के मंगल दोष होने पर उसका विवाह भगवान विष्णु के साथ कराया जाता है। इस कुंभ या कलश में विष्णु स्थापित होते हैं।

▪लड़कों के लिए मंगली दोष से बचने के उपाय :

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब चंद्र-तारा अनुकूल हों, तब तथा अर्क विवाह शनिवार, रविवार अथवा हस्त नक्षत्र में कराना ऐसा शास्त्रमति है। मान्यता है कि किसी भी जातक के कुंडली में इस तरह के दोष हों, तो सूर्य कन्या अर्क वृक्ष से विवाह करना, अर्क विवाह कहलाता है। मान्यता है कि अर्क विवाह से दाम्पत्य सुखों में वृद्धि होती है और वैवाहिक विलंब दूर होता है। इसके अलावा अन्य आसान उपाय जो विवाह पूर्व किए जाते हैं, इस प्रकार हैं-

 केसरिया गणपति अपने पूजा गृह में रखें एवं रोज उनकी पूजा करें।

 ॐ हनुमान जी की पूजा करें और हनुमान चालीसा का पाठ करें।

 महामृत्युंजय का पाठ करें।

▪ यदि आप किसी भी प्रकार की समस्या से परेशान हैं, विवाह नहीं हो रहा है,विवाह हो गया है तो रिलेशन लाइफ ठीक नहीं है, पति पत्नी के बीच विवाद रहता है, तलाक का केस कोर्ट में चल रहा है।किसी भी प्रकार के मामले में आप विश्व प्रसिद्ध वास्तु ज्योतिष गुरु मनीष साईं जी से परामर्श प्राप्त कर सकते हैं। गुरुदेव द्वारा 2500000 के लगभग लोगों के जीवन में ज्योतिष, वास्तु एवं तंत्र के माध्यम से बदलाव लाने का प्रयास किया गया है जो कि शत-प्रतिशत सफल साबित हुआ है।

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