ग्रह बताएंगे किस क्षेत्र में मिलेगी नौकरी- मनीष साईं



क्या आप अपने करियर को लेकर तनाव मैं है? या फिर बहुत से विकल्प होने के कारण कंफ्यूज है  और आप कोई निर्णय नहीं ले पा रहे हैं। अगर आपके साथ भी यही समस्या है तो आप ज्योतिष के माध्यम से यह आसानी से जान सकते हैं कि कौन सा करियर आपके लिए सही रहेगा।

हम जो कार्य करते हैं उस कार्य के पीछे कोई एक ग्रह जरूर होता है। अगर वह ग्रह अच्छा है तो व्यवसाय फलता-फूलता है, करियर में हमेशा उन्नति होती है। अगर ग्रह कमजोर हो तो करियर डावाडोल हो जाता है और कारोबार बंद होने की कगार पर आ जाता है। कुंडली में बैठे नवग्रह मनुष्य के जीवन की सफलता और असफलता तय करते हैं। आइए जानते हैं विश्व प्रसिद्ध वास्तु ज्योतिष एवं तंत्र गुरु मनीष साईं जी के अनुसार कौन से ग्रह का करियर एवं व्यवसाय क्या है तथा कुंडली में इसे कैसे देखा जा सकता है।

कुंडली में करियर को देखते समय हमे लग्न से दूसरा, सातवां, दसवां और ग्यारवां भाव का अध्ययन करना आवश्यक होता है। जैसा की आपको पता है की लग्न कुंडली का आधार है।  हम जो भी कार्य करते हैं उसकी हमे हमारा शरीर आज्ञा देता है, या नहीं उसे देखना सबसे पहले देखना आवश्यक है। जैसे की हम बहुत ज्यादा शारीरिक मेहनत वाला कार्य करना चाहते हैं, लेकिन कुंडली का लग्न भाव हमे ज्यादा मेहनत करने वाला नहीं बता रहा है, तो हम उस कार्य के समान शारीरिक मेहनत नहीं कर पाते और सफलता का सामना करना पड़ता है।  साथ ही हमारा लग्न किस राशि में यानी चर स्‍थिर या दिस्वभाव राशि का है उसका भी हमारे कार्य पर प्रभाव पड़ता है। अत: उसका भी ध्यान रखना आवश्यक है।

कुंडली में दशम भाव हमारे कर्म का भाव है। कर्म क्षेत्र में हमें कितनी सफलता मिलेगी कितना संघर्ष करना पड़ेगा आदि की स्‍थिति इसी भाव पर निर्भर करती है, इसलिए यदि कोई ग्रह दशम भाव में बली होकर स्‍थित है, तो उस ग्रह से सम्बन्धित कार्य में हम सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

दशम से दशम भाव यानी की कुंडली का सातवां भाव भी करियर के मामले में मुख्य भूमिका निभाता है, साथ ही ये भाव साझेदारी में व्यवसाय को भी दर्शाता है। साझेदारी में किए हुए कार्य में हमे लाभ मिलेगा या धोखा मिलेगा, उसका ज्ञान हमे ये ही भाव करवाता है, इसलिए कोई भी कार्य करते समय इस भाव का अध्ययन आवश्यक होता है।

इसके बाद आता है, ग्‍यारहवां भाव जो कि लाभ आय का होता है। किस वस्तु से हमे कितना लाभ हो सकता है, उसे ये ही भाव दर्शाता है। हमारी इच्छाओं की पूर्ति का भी यही भाव है।  इसलिए इस भाव में यदि कोई ग्रह बली होकर स्‍थित है, तो उस ग्रह से सम्बन्धित व्यवसाय करके हम सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

कुंडली का दूसरा भाव धन भाव कहलाता है। हम कितना धन संचित कर पाएंगे उसकी जानकारी हमे ये ही भाव देता है। अत: इस भाव में स्‍थित ग्रह के व्यवसाय से हम धन लाभ ले सकते हैं, इसलिए मित्रों कोई भी कार्य करते समय इन सभी भावों में स्‍थित ग्रहों में से जो ग्रह कारक होकर बलि अवस्था में हो उससे सम्बन्धित यदि आप व्यवसाय करते हैं, तो उसमे आपको सफलता मिलने के ज्यादा योग बन जाते हैं।
एक बात का ध्‍यान रखें, यदि इनमें से किसी में भी कोई ग्रह नहीं है, तो फिर इन भावों में स्‍थित मालिकों की स्‍थिति देखकर उनके अनुसार आप करियर तय कर सकते हैं। कोई भी कार्य करते समय आपको अपनी शारीरिक दक्षता और देश काल परिस्‍थिति का ध्यान रखना आवश्यक है,  साथ ही आपको ये भी देखना जरूरी है कि आज के आधुनिक समय के हिसाब से उस कार्य में कितनी सफलता मिल सकती हैं, उसमें आपको केवल आपका विवेक ही साथ दे सकता है क्योंकि ज्योतिष में बहुत कम कार्यों का जिक्र है और आधुनिक युग में समय के अनुसार उनकी परिभाषा बदल गई है। एक ग्रह के अंतर्गत अब बहुत से कार्य आने लग गए हैं। अत: काफी सोच विचार के बाद ही अंतिम निर्यण पर पहुंचे। गुरुदेव मनीष साईं के अनुसार जानिए कौन से ग्रह के लिए क्या करियर चुने।

1.सूर्य-

सूर्य उर्जा एवं शक्ति का स्वामी है। यह प्रबंधन, चिकित्सा व राजनैतिक क्षेत्रों में सरलता से ख्याति प्रदान करता है। इसके अलावा इस ग्रह से संबंधित लोग तर्क शास्त्री एवं अच्छे वकील भी हो सकते हैं।

2.चंद्रमा-

 चंद्रमा मन का स्वामी है। यह संगीत, कला, हस्तकला, शिल्पकला, अभिनय, नाटक, गायन एवं रचनात्मक कार्यों की तरफ आकृष्ट करके सफलता प्रदान करता है। ये लोग लेखन, निर्देशन और पत्रकारिता में भी सफल हो सकते हैं।

3.मंगल-

मंगल उर्जा, शक्ति एवं साहस का स्वामी है। यह प्रशासनिक एवं सैन्य प्रतिभा प्रदान करता है। इस ग्रह से संबंधित लोग बिल्डिंग, भूमि के क्रय-विक्रय, नर्सरी, कानूनी मामले, इवेंट मैनेजमेंट, चिकित्सा, फार्मेसी आदि क्षेत्रों में आसानी से सफल हो सकते हैं।

4.बुध-

बुध बैद्धिक क्षमता का स्वामी है। यह व्यापारिक चातुर्य प्रदान करते हैं। इस ग्रह से संबंधित लोग शेयर बाजार, कमोडिटी, सोना-चांदी के बिजनेस, वकालत, सेल्स आदि में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। ये बहुत अच्छे टेक्निकल ऐनालिस्ट, अर्थशास्त्री और बाजार के समीक्षक हो सकते हैं। पत्रकारिता जगत में भी ये सफलता पा सकते हैं।

5. बृहस्पति-

गुरु विद्या और बुद्धि के स्वामी हैं। इस ग्रह से संबंधित लोग अध्ययन, अध्यापन, सोने के व्यवसाय, आध्यात्म, राजनीति, प्रबंधन, मुद्रा क्रय-विक्रय, चिकित्सा, इंजिनियरिंग, कूटनीतिक सलाहकार, राजदूत इत्यादि भेत्रों में आसानी से सफलता अर्जित कर सकते हैं।

6.शुक्र-

शुक्र ऐश्वर्य, लग्ज़री, भौतिक समृद्धि और बहु संबंधों के स्वामी हैं। इस ग्रह से संबंधित लोग विज्ञापन जगत, ग्लैमर की दुनिया, फिल्म निर्माण, निर्देशन और अभिनय के साथ लेखन, मार्केटिंग इत्यादि के क्षेत्र में सफल हो सकते हैं। सफेद वस्तुओं के व्यापार, हीरा उद्योग, बैंकिंग, संगीत, हवाई यात्रा से संबंधित कार्य, ब्यूटी सलून, चिकित्सा आदि के व्यवसाय में उत्तम उपलब्धि पा सकते हैं।

7.शनि-

शनि न्याय के देवता हैं। इनसे संबंधित लोग वकालत, न्यायधीश, प्रशासन, कम्प्यूटर हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, ऐनिमेशन, अध्ययन, लेखन, राजनैतिक प्रबंधन, अर्थशास्त्री, मोटरपार्ट्स से संबंधित कार्य, अध्यात्मिक क्रिया-कलाप, एनजीओ से संबंधित कार्य, समाज-सेवा जैसे कार्यों में इन्हें आसानी से सफलता प्राप्त हो सकती है।

8.राहु तथा केतु-

सर्जन, भूगर्भ विज्ञानी, बिजनेसमैन, आर्ट एंड क्राफ्ट, कॉमर्स सब्जेक्ट में करियर बनाता है।

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