मंगल के अशुभ प्रभाव से होती है ब्लड प्रेशर की बीमारी, जानिए कारण और निवारण-मनीष साईं
मंगल के अशुभ प्रभाव से होती है ब्लड प्रेशर की बीमारी, जानिए कारण और निवारण-मनीष साईं
शरीर में कुल पांच तत्व पाए जाने की बात कही गई है। ये हैं- पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश। इसके अलावा तीन धातुओं के होने की बात भी कही गई है। ये हैं- कफ, वात और पित्त। ज्योतिष शास्त्र में ऐसा कहा गया है कि ये पांच तत्व और तीन धातुएं सभी नौ ग्रहों से नियंत्रित होते हैं। इन सभी नौ ग्रहों के अलग-अलग तत्व बताए गए हैं। कहते हैं कि इन तत्वों की शरीर में कमी हो जाती है तो हम बीमारियों का शिकार हो जाते हैं। चलिए जानते हैं कि मंगल ग्रह के कमजोर होने से कौन सी बीमारी होने की बात कही गई है।
मंगल को रक्त का स्वामी माना गया है। कहते हैं कि मंगल के खराब होने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। इसके साथ ही मंगल की वजह से ही ब्लडप्रेशर की समस्या होने की बात कही गई है। इसके अलावा पित्त रोग, सूखा रोग, भय, दुर्घटना, अग्नि से भय, बिजली से भय, रक्त बहना, उच्च रक्तचाप आदि। विश्व प्रसिद्ध वास्तु, ज्योतिष एवं तंत्र गुरु मनीष साईं जी के अनुसार कर्क राशि में स्थित होने पर मंगल को नीच का कहा जाता है। यानी कर्क राशि में स्थित होने पर मंगल सभी राशियों की तुलना में शक्तिहीन व निर्बल होता है।इस स्थिति में वह अपने शुभ फल देने में असमर्थ होता है। मंगल का गोचर प्रभाव ग्रहों के गोचर से भी प्रभावित होता है, विशेषकर मानव जीवन को अत्यधिक प्रभावित करने वाले ग्रह गुरु व शनि के गोचर का ध्यान रखते हुए राशियों का फल निर्धारण किया जाना चाहिए। मंगल का गोचर प्रभाव ग्रहों के गोचर से भी प्रभावित होता है, विशेषकर मानव जीवन को अत्यधिक प्रभावित करने वाले ग्रह गुरु व शनि के गोचर का ध्यान रखते हुए राशियों का फल निर्धारण किया जाना चाहिए।
कई बार किसी समय-विशेष में कोई ग्रह अशुभ फल देता है, ऐसे में उसकी शांति आवश्यक होती है। गृह शांति के लिए कुछ शास्त्रीय उपाय प्रस्तुत हैं। इनमें से किसी एक को भी करने से अशुभ फलों में कमी आती है और मंगल देवता प्रसन्न होते हैं।
▪मंगल देव को भूमिपुत्र भी कहा जाता है। उन्हें प्रसन्न करने के लिए मंगलवार का व्रत रखें।
▪एक समय बिना नमक का भोजन करें।
▪हनुमान चालीसा, हनुमानाष्टक, बजरंग बाण के पाठ करने से मंगल की शांति होती है।
मंगल से पीड़ित व्यक्ति के लिए प्रतिदिन ध्यान करना उत्तम होता है. ध्यान रहे कि अशुभ मंगल से धैर्य की कमी होती है अत: किसी भी स्थिति में धैर्य बनाए रखें।
▪लाल वस्त्र में सौंफ बांधकर शयन कक्ष में रखें
▪बंधुजनों को मिष्ठान्न का सेवन कराएं।
▪बंदरों को गुड़ और चने खिलाने चाहिए।
▪गाय को चारा व जल पिलाकर सेवा करें।
▪गाय पर लाल वस्त्र ओढ़ाएं।
▪मंगल से पीड़ित व्यक्ति ज्यादा क्रोध न करें।
▪अपने आप पर नियंत्रण नहीं खोना चाहिए।
▪किसी भी कार्य में जल्दबाजी नहीं दिखाएं।
▪किसी भी प्रकार के व्यसनों में लिप्त नहीं होना चाहिए ।
🔴 निम्न वस्तुओं के दान से भी मंगल प्रसन्न होते हैं: -
▪मूंगा, गेंहू, मसूर, लाल वस्त्र, कनेरादि रक्त पुष्प, गुड़, गुड़ की रेवड़ियां, बताशे..
▪मीठी रोटी (गुड़ व गेंहू की), तांबे के बर्तन, लाल चंदन, केसर, लाल गाय आदि का दान करें।
🔴 कष्ट मिटाएं मंगल के मंत्र:-
सूर्योदयकाल के समय निम्न मंत्रों के जाप से भी काफी फायदा होता है।
▪ॐ अं अंगारकाय नम: अथवा
▪ॐ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम: मंत्र
(विशेष: 1,00,001 बार जप करने से यह मंत्र सिद्ध हो जाते हैं।)
⚫ किसी भी प्रकार के ज्योतिष वास्तु तंत्र संबंधी परामर्श के लिए विश्व प्रसिद्ध वास्तु ज्योतिष एवं तंत्र गुरु मनीष साईं जी से परामर्श प्राप्त कर सकते हैं,जैसे कि धन, स्वास्थ्य, व्यापार, करियर, आपसी तंत्र मंत्र, जादू टोना, जैसी समस्याएं। वास्तु विजिट भी करवा सकते हैं,तथा वास्तु परामर्श भी प्राप्त कर सकते हैं। विवाह ,गृह प्रवेश तथा किसी भी प्रकार के मुहूर्त के लिए आप संस्थान में संपर्क कर सकते है।
▪यूट्यूब पर मनीष साई जी के वीडियो देखने के लिए
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https://www.youtube.com/user/saikrati1
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🔶🔶 परामर्श प्राप्त करने के लिए संपर्क करें-
साईं अन्नपूर्णा सोशल फाउंडेशन 156, सहयोग विहार शाहपुरा थाने के पास भोपाल (मध्य प्रदेश)
▪संपर्क- 09617950498
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शरीर में कुल पांच तत्व पाए जाने की बात कही गई है। ये हैं- पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश। इसके अलावा तीन धातुओं के होने की बात भी कही गई है। ये हैं- कफ, वात और पित्त। ज्योतिष शास्त्र में ऐसा कहा गया है कि ये पांच तत्व और तीन धातुएं सभी नौ ग्रहों से नियंत्रित होते हैं। इन सभी नौ ग्रहों के अलग-अलग तत्व बताए गए हैं। कहते हैं कि इन तत्वों की शरीर में कमी हो जाती है तो हम बीमारियों का शिकार हो जाते हैं। चलिए जानते हैं कि मंगल ग्रह के कमजोर होने से कौन सी बीमारी होने की बात कही गई है।
मंगल को रक्त का स्वामी माना गया है। कहते हैं कि मंगल के खराब होने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। इसके साथ ही मंगल की वजह से ही ब्लडप्रेशर की समस्या होने की बात कही गई है। इसके अलावा पित्त रोग, सूखा रोग, भय, दुर्घटना, अग्नि से भय, बिजली से भय, रक्त बहना, उच्च रक्तचाप आदि। विश्व प्रसिद्ध वास्तु, ज्योतिष एवं तंत्र गुरु मनीष साईं जी के अनुसार कर्क राशि में स्थित होने पर मंगल को नीच का कहा जाता है। यानी कर्क राशि में स्थित होने पर मंगल सभी राशियों की तुलना में शक्तिहीन व निर्बल होता है।इस स्थिति में वह अपने शुभ फल देने में असमर्थ होता है। मंगल का गोचर प्रभाव ग्रहों के गोचर से भी प्रभावित होता है, विशेषकर मानव जीवन को अत्यधिक प्रभावित करने वाले ग्रह गुरु व शनि के गोचर का ध्यान रखते हुए राशियों का फल निर्धारण किया जाना चाहिए। मंगल का गोचर प्रभाव ग्रहों के गोचर से भी प्रभावित होता है, विशेषकर मानव जीवन को अत्यधिक प्रभावित करने वाले ग्रह गुरु व शनि के गोचर का ध्यान रखते हुए राशियों का फल निर्धारण किया जाना चाहिए।
कई बार किसी समय-विशेष में कोई ग्रह अशुभ फल देता है, ऐसे में उसकी शांति आवश्यक होती है। गृह शांति के लिए कुछ शास्त्रीय उपाय प्रस्तुत हैं। इनमें से किसी एक को भी करने से अशुभ फलों में कमी आती है और मंगल देवता प्रसन्न होते हैं।
▪मंगल देव को भूमिपुत्र भी कहा जाता है। उन्हें प्रसन्न करने के लिए मंगलवार का व्रत रखें।
▪एक समय बिना नमक का भोजन करें।
▪हनुमान चालीसा, हनुमानाष्टक, बजरंग बाण के पाठ करने से मंगल की शांति होती है।
मंगल से पीड़ित व्यक्ति के लिए प्रतिदिन ध्यान करना उत्तम होता है. ध्यान रहे कि अशुभ मंगल से धैर्य की कमी होती है अत: किसी भी स्थिति में धैर्य बनाए रखें।
▪लाल वस्त्र में सौंफ बांधकर शयन कक्ष में रखें
▪बंधुजनों को मिष्ठान्न का सेवन कराएं।
▪बंदरों को गुड़ और चने खिलाने चाहिए।
▪गाय को चारा व जल पिलाकर सेवा करें।
▪गाय पर लाल वस्त्र ओढ़ाएं।
▪मंगल से पीड़ित व्यक्ति ज्यादा क्रोध न करें।
▪अपने आप पर नियंत्रण नहीं खोना चाहिए।
▪किसी भी कार्य में जल्दबाजी नहीं दिखाएं।
▪किसी भी प्रकार के व्यसनों में लिप्त नहीं होना चाहिए ।
🔴 निम्न वस्तुओं के दान से भी मंगल प्रसन्न होते हैं: -
▪मूंगा, गेंहू, मसूर, लाल वस्त्र, कनेरादि रक्त पुष्प, गुड़, गुड़ की रेवड़ियां, बताशे..
▪मीठी रोटी (गुड़ व गेंहू की), तांबे के बर्तन, लाल चंदन, केसर, लाल गाय आदि का दान करें।
🔴 कष्ट मिटाएं मंगल के मंत्र:-
सूर्योदयकाल के समय निम्न मंत्रों के जाप से भी काफी फायदा होता है।
▪ॐ अं अंगारकाय नम: अथवा
▪ॐ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम: मंत्र
(विशेष: 1,00,001 बार जप करने से यह मंत्र सिद्ध हो जाते हैं।)
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▪यूट्यूब पर मनीष साई जी के वीडियो देखने के लिए
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पंडितजी प्रणाम। मेरा नाम कुमारी पिंकी है। मैं झारखंड गिरिडीह जिला की रहने वाली हूँ। मेरा जन्मदिन 3जनवरी 1980 को हुआ है सुबह 3ः30 का है।
ReplyDeleteमेरा आप से निवेदन है कि मेरी परिस्थिति के विषय में कुछ बताएं।
मैं एक निजी विद्यालय में शिक्षिका हूँ। मेरा वेतन 4600है।मेरे और मेरे पति पर कर्ज बहुत है। मेरी पारिवारिक और आर्थिक स्थिति बेहद ही दयनीय है। इसके लिए कुछ उपाय बताए।